मुंबई, जहाँ सपने बनते और टूटते हैं, उसी शहर के अंधेरे कोनों में अपराध और साजिशों का एक जाल फैला हुआ है। जब एक प्रसिद्ध बिजनेसमैन, अरुण सिंघानिया, की रहस्यमयी हत्या होती है, तो केस इंस्पेक्टर राघव गायकवाड़ को सौंपा जाता है। उधर, जुझारू पत्रकार रिया मेहरा इस केस की तह तक जाने का फैसला करती है, लेकिन जैसे-जैसे वह सच्चाई के करीब पहुँचती है, उसकी जान खतरे में पड़ने लगती है।जांच से पता चलता है कि सिंघानिया का संबंध मुंबई के कुख्यात डॉन सुल्तान भाई और एक हाई-प्रोफाइल राजनेता धर्मेश ठाकुर से था। जब पुलिस अफसर ACP विजय नायर की हत्या होती है, तो यह साफ हो जाता है कि मामला सिर्फ एक मर्डर मिस्ट्री नहीं, बल्कि एक बड़े षड्यंत्र का हिस्सा है।रिया को अगवा कर लिया जाता है, और राघव को एहसास होता है कि यह लड़ाई सिर्फ कानून और अपराधियों के बीच नहीं, बल्कि सत्ता और सत्य के बीच भी है। वह अपने नेटवर्क और पुलिस फोर्स की मदद से अपराधियों का पर्दाफाश करता है। आखिरकार, धर्मेश ठाकुर की साजिश उजागर होती है, और उसे गिरफ्तार कर लिया जाता है।लेकिन क्या अपराध की दुनिया सच में खत्म हो सकती है? मुंबई का अंडरवर्ल्ड अब भी जीवित है, और इस मायानगरी में हर रात एक नई साजिश जन्म लेती है। “मुंबई माया” अपराध, साज़िश और न्याय की एक रोमांचक कहानी है, जो इस शहर की चकाचौंध के पीछे छिपे अंधकार को उजागर करती है।
मुंबई माया-अनिरुद्ध गुप्ता
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मुंबई, जहाँ सपने बनते और टूटते हैं, उसी शहर के अंधेरे कोनों में अपराध और साजिशों का एक जाल फैला हुआ है। जब एक प्रसिद्ध बिजनेसमैन, अरुण सिंघानिया, की रहस्यमयी हत्या होती है, तो केस इंस्पेक्टर राघव गायकवाड़ को सौंपा जाता है। उधर, जुझारू पत्रकार रिया मेहरा इस केस की तह तक जाने का फैसला करती है, लेकिन जैसे-जैसे वह सच्चाई के करीब पहुँचती है, उसकी जान खतरे में पड़ने लगती है।जांच से पता चलता है कि सिंघानिया का संबंध मुंबई के कुख्यात डॉन सुल्तान भाई और एक हाई-प्रोफाइल राजनेता धर्मेश ठाकुर से था। जब पुलिस अफसर ACP विजय नायर की हत्या होती है, तो यह साफ हो जाता है कि मामला सिर्फ एक मर्डर मिस्ट्री नहीं, बल्कि एक बड़े षड्यंत्र का हिस्सा है।रिया को अगवा कर लिया जाता है, और राघव को एहसास होता है कि यह लड़ाई सिर्फ कानून और अपराधियों के बीच नहीं, बल्कि सत्ता और सत्य के बीच भी है। वह अपने नेटवर्क और पुलिस फोर्स की मदद से अपराधियों का पर्दाफाश करता है। आखिरकार, धर्मेश ठाकुर की साजिश उजागर होती है, और उसे गिरफ्तार कर लिया जाता है।लेकिन क्या अपराध की दुनिया सच में खत्म हो सकती है? मुंबई का अंडरवर्ल्ड अब भी जीवित है, और इस मायानगरी में हर रात एक नई साजिश जन्म लेती है। “मुंबई माया” अपराध, साज़िश और न्याय की एक रोमांचक कहानी है, जो इस शहर की चकाचौंध के पीछे छिपे अंधकार को उजागर करती है।
ISBN- 978-81-969513-2-0
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